• The Ripple Effect: How Gossip Spreads and Destroys Trust

    Do Not Commit This Mistake - Can Ruin Everything
    • Posted By : Admin
    • 2021-06-13
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    आज की बात –  “ अगर आपको किसी से शिकायत है तो सिर्फ उससे बात कीजिये जिससे शिकायत है “ आज हर व्यक्ति पीठ पीछे एक दुसरे की बुराई करने में लगा है | मैंने उन लोगों को एक दुसरे की बुराई करते सुना है | जो सारे दिन एक साथ रहते हैं | सबको लगता इनके जैसी दोस्ती तो किसी की नहीं है | लेकिन जैसे ही किसी दुसरे व्यक्ति से मिलते हैं - एक दुसरे की बुराई चालू | सास – बहु को देख लो – ये example तो बहुत फेमस है और ऐसे ही अब हर रिश्ते में इस तरह से परिवर्तन आते जा रहे हैं | पत्नी – पति की और पति – पत्नी की बुराई कर रहे हैं |

    पहले तो ऐसे काम ही ना हों / करें जिससे एक दुसरे की बुराई करने का अवसर आये लेकिन वास्तविक जिन्दगी में ये थोडा मुश्किल हो जाता है | क्योंकि व्यक्ति की फितरत है उसे बुराई / बुराई खेलने में बड़ा मजा आता है | कभी भी , कंही पर भी , कितनी भी बुराइयां करवा लो व्यक्ति हर समय तैयार है | चलिए मैं बुराई – बुराई खेलने से भी नहीं रोकता | आप खूब बुराई – बुराई खेलें लेकिन यंहा जरा सावधान – “बुराई – बुराई खेलें किसके साथ” | आप किससे से किसकी बुराई / शिकायत कर रहे हैं | बस यही सबसे बड़ी गलती इंसान कर रहा है , जिससे समस्या है उससे शिकायत ना करके / उससे बात ना करके पूरी दुनिया में ढिंढोरा पीटे जा रहा है और वो पूरी दुनिया पहले तो चटकारे लेकर आपकी बात सुनती है फिर मजे ले ले कर और मिर्च मसाले लगा कर उसे बताती है जिसकी आप बुराई या शिकायत कर रहे थे | क्या इससे समस्या / शिकायत दूर हो जायेगी – नहीं बिलकुल नहीं बल्कि बढ़ और जायेगी , क्योंकि जब मनों में दूरियाँ आ जाती है तो पास आने के रास्तों पर ताले लग जाते हैं |

    कभी आपकी किसी से लड़ाई हो गयी – अब आपने सब जगह आपके दोस्त / रिश्तेदार की बुराई करनी शुरू कर दी , ऐसा ही आपके दोस्त ने भी शुरू कर दिया | थोड़े दिन बाद आप सब बातों को भुला कर अच्छे दोस्त हो गए लेकिन उन लोगों के सामने आप दोनों की इज्जत खूब ख़राब हुई जिनके सामने आपने बुराई बुराई का खेल खेला ....... इसके दुसरे पहलु भी हो सकते हैं.....

    पेरेंट्स सावधान – कई पेरेंट्स की बहुत ही गन्दी आदत होती है , जंहा देखो वंहा अपने बच्चों की बुराई करना शुरू कर देते हैं - अपने बच्चों के सामने – जब वो छोटे होते हैं – उनकी खूब बुराई करते हैं ऐसे हैं , वैसे हैं etc. | अभी एक नयी बीमारी चल पड़ी है पेरेंट्स अपने बच्चों के बड़े होने बाद पीठ पीछे उनकी बुराई करने लगे हैं | बच्चे वैसे ही मां – बाप से दूर होते जा रहे हैं – जिसके बहुत सारे और भी कारण है लेकिन अगर आप अपने बच्चों की बुराई कर रहे हैं तो आप मान कर चलिए कि आप वो गड्ढा खोद रहे हैं जिसमें आपको एक दिन खुद गिरना पडेगा |

     
    तो अपनी Personality को एक नया रूप दें – जिससे शिकायत हो सिर्फ उससे कहें दुनिया से नहीं ....

    अब सवाल उठता है ये करें कैसे – हमेशा किसी के सामने किसी की बुराई / शिकायत करने से पहले ये सोच लें की इससे क्या फायदा होगा / क्या इससे हमारे रिश्तों में सुधार होगा या रिश्ते और बिगड़ जायेंगे | दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को समझदार समझता है अगर आप समझदार हैं तो सोचिये आपको क्या करना चाहिये ...