• Rising Above Challenges: Finding Inspiration in Rahul Gandhi

    Rahul Gandhi's Resilience: Inspiring Rise Above Challenges
    • Posted By : Admin
    • 2021-06-13
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    आज की बात – राहुल गाँधी के नाम – ये पोस्ट कंही से कंही तक भी पॉलिटिकली influenced नहीं है ना ही आपके कोई राजनितिक मतलब निकालें | मैंने अपनी पहले की दो पोस्ट में इस विषय को हल्का सा touch किया था आज इसे विस्तार से समझते हैं  - हर व्यक्ति अपनी जिन्दगी में सेट होना चाहता है मतलब की अपनी जिन्दगी को सेट करना चाहता है – यंहा सेट करने का मतलब है स्टूडेंट पढाई करके अच्छी जॉब पाने को जिन्दगी सेट करना मानते हैं , जिसके पास घर ना हो वो सोचता है की घर मिल जाए तो जिन्दगी सेट हो जाए , कोई सोचता कोई भी एक अमाउंट इतने पैसे अपने पास हों तो जिन्दगी सेट हो जाए | जिन्दगी सेट होना एक Dynamic word है static नहीं इसका मतलब है जब तक जो चीज नहीं मिली उसको पाना जिन्दगी सेट होने जैसे लगता है उसको पाने के कुछ दिन / महीनों बाद जिन्दगी सेट होने के मीनिंग बदल जाते हैं |

    चलिए इसको राहुल गाँधी के उदहारण से समझते हैं |

    पॉइंट 1.पैसे के रूप में - आज एक व्यक्ति 5 साल पार्षद / सरपंच / विधायक / सांसद / मंत्री रह लेता है तो उसकी सम्पति कितनी हो जाती है | एक सरकारी ऑफिस के Peon के पास भी कितनी सम्पति हो जाती है | हमारे देश के बाबा तक अरबपति है | पिता के पास ठीक ठाक सा पैसा हो तो व्यक्ति ना जाने अपने आप को क्या समझने लग जाता है |

    पॉइंट 2 . – नाम के रूप में – अगर व्यक्ति किसी ठीक – ठाक सी संस्था में कोई छोटा / बड़ा पद पा लेता है तो उसको लगता है पता नहीं क्या पा लिया | स्वयं या कोई रिश्तेदार या मित्र किसी अच्छी पोस्ट पर / राजनीती में किसी ठीक ठाक से पद पर भी चला जाए तो उसको लगता है पता नहीं क्या पा लिया |

    राहुल गाँधी एक ऐसे परिवार का एकलौता वारिस जिसने देश अनेकों प्रधानमंत्री दिए हैं , कोई छोटे मोटे नेता की बात नहीं कर रहा हूँ “ प्रधानमंत्री “ , देश की सबसे बड़ी पार्टी जिसके अनेकों राष्ट्रपति हमारे देश के रहे हैं | लगभग देश के सभी राज्यों में उनकी पार्टी के मुख्य मंत्री रहे हैं | दुसरे शब्दों में ये भी कह सकते अगर पिछले मात्र 3 साल छोड़ दें तो लगभग पुरे देश में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक ही पार्टी थी – जिसके राहुल गाँधी स्वयं उपाध्यक्ष / उनकी माता जी अध्यक्ष हैं | सच्चाई सभी को पता है ये तो पद मात्र हैं लेकिन पूरी पार्टी उनके अनुसार ही चलती है | जिस परिवार के देश में इतने प्रधान मंत्री रहे – तो क्या राहुल गाँधी पैसे के लिये काम कर रहे हैं – बिलकुल नहीं पैसा तो कितना होगा इसकी गणित लगाना मेरे लिये तो संभव नहीं है , देश में सबसे बड़ा नाम रहा जिनके परिवार का क्या वो नाम के लिये काम कर रहा है |

    लगातार असफल हो रहे हैं , लोगों ने एक चुटकुला बना कर रख दिया है , चाहते तो सब छोड़ छाड़ कर पुरे ऐशो आराम से अपनी जिन्दगी जी सकते थे , लेकिन लगे हुये हैं – क्यों ...... अगर इसे समझ गये तो समझ आ जाएगा की जिन्दगी में सेट होना किसे कहते हैं | देश के सबसे बड़े परिवार का एकलौता वारिस भी सेट होने होने की कोशिश कर रहा है