•  क्या है खुश रहने का राज़

    क्या है खुश रहने का राज़: Motivational Story

    • 2021-04-03 03:46:28
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    • Written by : Unknown
    एक समय की बात है, एक गाँव में महान ऋषि रहते थे| लोग उनके पास अपनी कठिनाईयां लेकर आते थे और ऋषि उनका मार्गदर्शन करते थे| एक दिन एक व्यक्ति, ऋषि के पास आया और ऋषि से एक प्रश्न पूछा| उसने ऋषि से पूछा कि “गुरुदेव मैं यह जानना चाहता हुईं कि हमेशा खुश रहने का राज़ क्या है ” ऋषि ने उससे कहा कि तुम मेरे साथ जंगल में चलो, मैं तुम्हे खुश रहने का राज़ बताता हूँ|
    ऐसा कहकर ऋषि और वह व्यक्ति जंगल की तरफ चलने लगे| रास्ते में ऋषि ने एक बड़ा सा पत्थर उठाया और उस व्यक्ति को कह दिया कि इसे पकड़ो और चलो| उस व्यक्ति ने पत्थर को उठाया और वह ऋषि के साथ साथ जंगल की तरफ चलने लगा|
    कुछ समय बाद उस व्यक्ति के हाथ में दर्द होने लगा लेकिन वह चुप रहा और चलता रहा| लेकिन जब चलते हुए बहुत समय बीत गया और उस व्यक्ति से दर्द सहा नहीं गया तो उसने ऋषि से कहा कि उसे दर्द हो रहा है| तो ऋषि ने कहा कि इस पत्थर को नीचे रख दो| पत्थर को नीचे रखने पर उस व्यक्ति को बड़ी राहत महसूस हुयी| तभी ऋषि ने कहा – “यही है खुश रहने का राज़”| व्यक्ति ने कहा – गुरुवर मैं समझा नहीं|
    तो ऋषि ने कहा- जिस तरह इस पत्थर को एक मिनट तक हाथ में रखने पर थोडा सा दर्द होता है और अगर इसे एक घंटे तक हाथ में रखें तो थोडा ज्यादा दर्द होता है और अगर इसे और ज्यादा समय तक उठाये रखेंगे तो दर्द बढ़ता जायेगा उसी तरह दुखों के बोझ को जितने ज्यादा समय तक उठाये रखेंगे उतने ही ज्यादा हम दु:खी और निराश रहेंगे| यह हम पर निर्भर करता है कि हम दुखों के बोझ को एक मिनट तक उठाये रखते है या उसे जिंदगी भर| अगर तुम खुश रहना चाहते हो तो दु:ख रुपी पत्थर को जल्दी से जल्दी नीचे रखना सीख लो और हो सके तो उसे उठाओ ही नहीं

    Bonus Story - The Life Story of Nick Vujicic

    4 दिसम्बर 1982 को ऑस्ट्रेलिया में एक बच्चे का जन्म हुआ जिसका नाम Nick Vujicic था| Nick Vujicic अन्य बच्चों की तरह स्वस्थ थे, लेकिन उनमे एक कमी थी – वे Phocomelia नाम के एक दुर्लभ विकार के साथ पैदा हुय थे, जिसके कारण उनके दोनों हाथ और पैर नही थे।डॉक्टर हैरान थे कि Nick Vujicic के हाथ पैर क्यों नहीं है| Nick Vujicic के माता पिता को यह चिंता सताने लगी थी कि Nick Vujicic का जीवन कैसा होगा – एक बिना हाथ पैर वाले बच्चे का भविष्य कैसा होगा ???

    बचपन के शुरूआती दिन बहुत मुश्किल थे| Nick Vujicic के जीवन में कई तरह की मुश्किलें आने लगी| उन्हें न केवल अपने स्कूल में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा बल्कि उनकी विकलांगता और अकेलेपन से वे निराशा के अन्धकार में डूब चुके थे|वे हमेशा यही सोचते थे और ईश्वर से हमेशा प्रार्थना करते थे कि काश उनको हाथ-पाँव मिल जाए| वे अपनी विकलांगता से इतने निराश थे कि 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की| लेकिन फिर उनक़ी मां के द्वारा दिए गए एक लेख को पढ़कर उनका जीवन के प्रति नज़रिया पूरी तरह से परिवर्तित हो गया । यह लेख एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था, जो एक विकलांग व्यक्ति की अपनी विकलांगता से जंग और उस पर विजय की कहानी थी । उस दिन उन्हें यह समझ में आ गया कि वे अकेले व्यक्ति नहीं हैं, जो संघर्ष कर रहे है|
    Nick (निक) धीरे धीरे यह समझ चुके थे कि वे चाहें तो अपनी जिंदगी को सामान्य तरीके से जी सकते है|  Nick ने धीरे धीरे पैर की जगह पर निकली हुयी अँगुलियों और कुछ उपकरणों की मदद से लिखना और कंप्यूटर पर टाइप करना सीख लिया| 17 वर्ष की उम्र ने अपने प्रार्थना समूह में व्याख्यान देना शुरू कर दिया| 21 वर्ष की उम्र में निक ने एकाउंटिंग और फाइनेंस में ग्रेजुएशन कर लिया और एक प्रेरक वक्ता के रूप में अपना करियर शुरू किया| उन्होंने “Attitude is Attitude” नाम से अपनी कंपनी बनाई और धीरे धीरे Nick Vujicic को दुनिया में एक ऐसे प्रेरक वक्ता के रूप में पहचाना जाने लगा जिनका खुद का जीवन अपने आप में एक चमत्कार है| उन्होंने प्रेरणा और सकारात्मकता का सन्देश देने के लिए “Life Without Limbs” नाम से गैर-लाभकारी संगठन भी बनाया है|
    33 वर्षीय Nick Vujicic आज ना सिर्फ़ एक सफल प्रेरक वक्ता हैं, बल्कि वे वह सब करते है जो एक सामान्य व्यक्ति करता है| जन्म से ही हाथ-पैर न होने के बावजूद वे वे गोल्फ व फुटबॉल खेलतें है, तैरते हैं, स्काइडाइविंग और सर्फिंग भी करतें हैं। यह अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, लेकिन इससे भी ज्यादा प्रभावित करने वाली बात है, उनकी जीवन के प्रति खुशी और शांति की सम्मोहक भावना।
    आज वे दुनिया को जिंदगी जीने का तरीका सिखा रहे हैं । Nick ने भौतिक सीमाओं में जकड़े के बजाए  अपने जीवन का नियंत्रण करने की शक्ति की पा ली और आशा के इसी संदेश के साथ 44 से अधिक देशों की यात्रा की है। जहाँ हम छोटी-छोटी बातों से परेशान और हताश हो जाते है वहीँ Nick Vujicic जैसे लोग हर पल यह साबित करते रहते है कि असंभव कुछ भी नहीं – प्रयास करने पर सब कुछ आसान हो जाता है|
    ज़िन्दगी द्वारा दी गयी हर चीज को खुले मन से स्वीकार करनी, चाहे वे मुश्किलें ही क्यों ना हों। मुश्किलें ही वो सीढ़ियां हैं जिन पर चढ़कर ही हमे ज़िन्दगी में कामयाबी और खुशी मिलेगी । जो हमारे पास है उसके लिए धन्यवाद दें|



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