• मुर्गी और बाज

    मुर्गी और बाज: Motivational story in Hindi

    • 2020-09-17 01:31:51
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    • Written by : Unknown
    एक बाज और एक मुर्गी आपस में बातें कर रहे थे। बाज ने मुर्गी से कहा, “तुम सबसे अधिक अहसानफरामोश पक्षी हो।” “ऐसा क्यों कह रहे हो?” मुर्गी ने गुस्से से पूछा।
    बाज ने जवाब दिया, “तुम्हारा मालिक तुम्हें खाना खिलाता है लेकिन जब वह तुम्हें पकड़ने के लिए आता है, तो तुम इस कोने से उस कोने तक उड़ने लगती हो।
    मैं तो जंगली पक्षी हूँ, फिर भी मैं दयालु लोगों का ख्याल रखता हूँ।” मुर्गी धीरे से बोली, “अगर तुम किसी बाज को आग पर भुनते हुए देखो, तो तुम्हें कैसा लगेगा ?
    मैंने यहाँ सैकहों मुर्गे-मुर्गियों को आग पर भूने जाते हुए देखा है। अगर तुम मेरी जगह होते,
    तो तुम भी अपने मालिक को कभी अपने पास नहीं आने देते। मैं तो सिर्फ इस कोने से उस कोने तक उड़ती ही हूँ, पर तुम तो पहाड़ियों पर उड़ते फिरते।”

    Bonus Story सूझबूझ से सुलझा लें समस्या...

    एक किसान था, वह अपने खेतों में काम कर घर लौट रहा था। रास्ते में ही एक हलवाई की दुकान थी। उस दिन किसान ने कुछ ज्‍यादा काम कर लिया था और उसे भूख भी बहुत लग रही थी। ऐसे में जब वह हलवाई की दुकान के पास से गुजरा तो उसे मिठाइयों की खुशबू आने लगी। वह वहां खुद को रोके बिना नहीं रह पाया। लेकिन उस दिन उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे, ऐसे में वह मिठाई खरीद नहीं सकता था, तब वह कुछ देर वहीं खड़े होकर मिठाइयों की सुगंध का आनंद लेने लगा।
     
    जब मिठाईवाले ने किसान को मजे से उसकी दुकान की मिठाइयों की खूशबू का आनंद लेते देखा, तब उससे किसान की खुशी देखी नहीं गई, वह किसान के पास गया और बोला, पैसे निकालो। किसान हैरान हुआ और बोला कि मैंने तो मिठाई नहीं खरीदी और न ही चखी है फिर पैसे किस बात के? हलवाई बोला, भले ही तुमने मिठाई नहीं ली हो, लेकिन मेरी बनाई मिठाई की खुशबू का आनंद तो लिया है।
     
    हलवाई बोला, मिठाई की खुशबू लेना मिठाई खाने के बराबर ही है तो तुम्हें अब इसके पैसे देने होंगे।
     
    किसान पहले थोड़ा घबराया, लेकिन फिर थोड़ी सूझबूझ दिखाते हुए उसने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकाले और उन्‍हें दोनों हाथों के बीच में डालकर खनकाया। अब खनकाने के बाद किसान अपने रास्ते जाने लगा।
     
    हलवाई बोला, मेरे पैसे तो दो! किसान ने कहा, जैसे मिठाई की खुशबू का आनंद लेने मिठाई खाने के बराबर ही है, वैसे ही सिक्कों की खनक सुनना भी पैसे लेने के बराबर ही है।
     
    तो दोस्तों, कई बार आपको जीवन में इस हलवाई के जैसे लोग भी मिल जाएंगे, ऐसे में आप घबराएं नहीं। सूझबूझ से इन्हें जवाब दें और समस्या से इस किसान की तरह ही बाहर निकल जाएं।

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