रॉबर्टो डी वीन्सेन्ज़ो अपने दौर के बहुत बड़े गोल्फ खिलाडी रहे हैं . उन्होंने अपने करियर के दौरान दुनिया भर में 230 से अधिक टूर्नामेंट्स जीते 

"> रॉबर्टो डी वीन्सेन्ज़ो अपने दौर के बहुत बड़े गोल्फ खिलाडी रहे हैं . उन्होंने अपने करियर के दौरान दुनिया भर में 230 से अधिक टूर्नामेंट्स जीते 

" />
  • नज़रिया

    नज़रिया: a short inspirational story in hindi

    • 2020-07-22 04:51:53
    • Puplic by : Admin
    • Written by : Unknown
    अर्जेंटीना के गोल्फर रॉबर्टो डी वीन्सेन्ज़ो अपने दौर के बहुत बड़े गोल्फ खिलाडी रहे हैं . उन्होंने अपने करियर के दौरान दुनिया भर में 230 से अधिक टूर्नामेंट्स जीते . पर वे सिर्फ अपने शानदार खेल के लिए ही नहीं बल्कि अपने पॉजिटिव ऐटिट्यूड के लिए भी जाने जाते हैं . आइये हम उनकी लाइफ से रिलेटेड एक दिल छू लेने वाले वाकये को देखते हैं 
    एक बार रॉबर्टो ने कोई टूर्नामेंट जीता , इनाम में मिले चेक को लेकर वे ड्रेसिंग रूम में चले गए और वहां काफी समय बिताया . जब वे बाहर निकले तो सब लोग जा चुके थे , वे आराम से टहलते हुए पार्किंग लॉट तक पहुंचे और अभी वो अपनी कार में बैठने ही वाले थे कि एक औरत उनके पास आई और बोली , ” सर , मेरे पास कोई नौकरी नहीं है , मेरा बच्चा बहुत बीमार है , वो मरने वाला है और मेरे पास हॉस्पिटल और डॉक्टर्स को देने के लिए पैसे भी नहीं हैं ….”
    रॉबर्टो उस औरत की फ़रियाद से पिघल गए और तुरंत ही अपनी जीता हुआ चेक एंडोर्स किया और उस औरत को दे दिया .
    अगले हफ्ते वो कंट्री क्लब गए . वहां किसी पी.जी. ऑफिसियल ने उन्हें बताया कि उनके साथ धोखा हुआ है – उस औरत का कोई बच्चा नहीं है , यहाँ तक की उसकी शादी भी नहीं हुई है .
    रॉबर्टो बोले , “ तुम्हारा मतलब कि कोई बीमार बच्चा है ही नहीं !”
    “हाँ , बिलकुल सही सुना तुमने ”, अफसर बोला .
    रॉबर्टो बोले , “ क्या बात है , ये तो मेरे लिए साल की सबसे अच्छी खबर है .”
    फ्रेंड्स , सोचिये कितनी करुणा होगी इस महान गोल्फर के ह्रदय में , जिसे ठगे जाने का दुःख नहीं बल्कि इस बात की ख़ुशी थी कि ऐसा कोई बीमार बच्चा है ही नहीं . और ऐसा भी नहीं था कि वो दिखावा कर रहे थे , उनके लाइफ के और भी कई इन्सिडेंट्स हैं जो बताते हैं कि वे सचमुच एक बड़े दयालु और सकारात्मक दृष्टिकोण के व्यक्ति हैं .
    हमें भी ऐसा ऐटिट्यूड डेवेलप करने का प्रयास करना चाहिए , क्योंकि वास्तव में हमारी ख़ुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती कि हमारे साथ क्या हुआ बल्कि इस बात पर डिपेंड करती है कि जो हुआ उसे हम किस नज़रिये से देखते हैं.

आप व्हाट्सएप आदि पर स्टोरी शेयर करते हैं । वँहा कम लोगों तक ही आपकी बात पँहुच पाती है या मैसेज की भीड़ में लोग उसको पढ़ते भी नहीं हैं लेकिन अगर आप हमें स्टोरी भेजते हैं तो उसको हम आपके नाम के साथ पब्लिश करते हैं । भेजिये स्टोरी और जीतिए शानदार इनाम

Add Story

Leave a Comment





Category