• Selfless बनिए selfish नहीं!

    Selfless बनिए selfish नहीं: a short hindi story

    • 2020-07-31 05:27:11
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    • Written by : Unknown
    एक बार की बात है, दो खरगोश थे. एक का नाम वाईजी था और दूसरे का नाम फूली. वाईजी अपने नाम के अनुसार वाइज यानी बुद्धिमान था और फूली अपने नाम के अनुरूप फूलिश यानी बेवकूफ था.
    दोनों में गहरी दोस्ती थी. एक दिन उन्हें गाजर खाने का बड़ा मन किया और वे फ़ौरन इनकी खोज में निकल पड़े.
    कुछ दूर चलने पर उन्हें अगल-बगल लगे दो गाजर दिखे. एक गाजर के ऊपर बड़े-बड़े पत्ते लगे थे जबकि दूसरे के पत्ते काफी छोटे थे.
    फूली बिना देर किये बड़े पत्तों वाले गाजर के पास दौड़ा और उसे उखाड़ते हुए कहने लगा, “ये वाला मेरा है… ये वाला मेरा है…”
    वाईजी उसकी इस हरकत को देख कर मुस्कुराया और बोला, “ठीक है भाई तुम उसे ले लो मैं ये बड़ा वाला ले लेता हूँ?”
    और जब उसने गाजर उखाड़ा तो सचमुच वो फूली के गाजर से बड़ा था.
    यह देख कर फूली को बड़ा आश्चर्य हुआ, वह बोला, “लेकिन मेरे गाजर के पत्ते तो काफी बड़े थे!”
    “तुम गाजर के पत्ते देखकर उसकी साइज़ का अनुमान नहीं लगा सकते!”, वाईजी ने समझाया.
    गाजर चट कर दोनों दोस्त आगे बढ़ गए.
    थोड़ी दूरी पर उन्हें फिर से दो गाजर दिखाई दिए.
    फूली बोला, “जाओ इस बार तुम पहले अपना गाजर चुन लो.”
    वाईजी बारी-बारी से दोनों गाजरों के पास गया और सावधानी से उन्हें देखने लगा…. उसने उनके पत्ते छुए और कुछ देर सूंघने के बाद बड़े पत्ते वाला गाजर ही चुन लिया.
    “ये क्या तुमने इस बार छोटा गाजर क्यों चुन लिया.” फूली बोला.
    “मैंने छोटा नहीं बड़ा गाजर ही चुना है!” वाईजी ने जवाब दिया.
    और सचमुच इस बार भी वाईजी का ही गाजर बड़ा था.
    फूली कुछ नाराज़ होते हुए बोला, “लेकिन तुमने तो कहा था कि जिसके पत्ते बड़े होते हैं वो गाजर छोटा होता है!”
    “ना-ना, मैंने तो बस इतना कहा था कि तुम गाजर के पत्ते देखकर उसकी साइज़ का अनुमान नहीं लगा सकते! कोई भी चुनाव करने से पहले सोच-विचार करना ज़रूरी है.” वाईजी बोला.
    फूली ने हामी भरी और फिर दोनों ने गाजर के मजे उठाये और आगे बढ़ गए…
    तीसरी बार भी उन्हें दो अलग-अलग साइज़ की पत्तियों वाले गाजर दिखे.
    फूली कुछ कन्फ्यूज्ड दिख रहा था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे. तभी वाईजी ने उससे कहा कि पहले वो अपना गाजर चुन सकता है.
    बेचारा फूली धीरे-धीरे आगे बढ़ता है और गाजरों का निरिक्षण करने का दिखावा करता है, उसे समझ नहीं आता कि कौन सा गाजर चुने. वह मायूस हो वाईजी की ओर देखता है.
    वाईजी मुस्कुराता है और कूद कर गाजरों के पास पहुँच जाता है. वह उन्हें सावधानी से देखता है और फिर एक गाजर उखाड़ लेता है.
    फूली चुप-चाप दूसरे गाजर की ओर बढ़ने लगता है, तभी वाईजी उसे रोकते हुए कहता है, “नहीं, फूली, ये वाला गाजर तुम्हारा है.”
    “लेकिन इसे तो तुमने चुना है और ये ज़रूर दूसरे वाले से बड़ा होगा. मुझे नहीं पता तुम ये कैसे करते हो, शायद तुम मुझसे अधिक बुद्धिमान हो.”  फूली उदासी भरे शब्दों में बोला.
    इस पर वाईजी ने उसका हाथ थामते हुए कहा-
    फूली, उस बुद्धी का क्या लाभ जिससे मैं अपने दोस्त की मदद ना कर सकूँ…  तुम मेरे दोस्त हो और मैं चाहता हूँ कि तुम ये गाजर खाओ. एक बुद्धिमान खरगोश जिसका पेट भरा हो पर उसका कोई दोस्त ना हो…क्या सचमुच बुद्धिमान कहलायेगा?
    “सही कहा!”, फूली ने उसे गले लगाते हुए कहा.
    और फिर दोनों दोस्त गाजर खाते-खाते अपने घरों को लौट गए.
    दोस्तों, ईश्वर ने हमें जो भी skills दी हैं उनका सही इस्तेमाल इसी में है कि वे औरों की मदद में काम आयें. सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करने वाले लोगों के पास पैसा हो सकता है…प्रसन्नता नहीं! इसलिए अगर कोई ऐसा है जिसकी लाइफ आपकी मदद  से बेहतर बन सकती है तो उसकी मदद ज़रूर करिए.
    Selfless बनिए selfish नहीं!

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