• सच या झूठ

    सच या झूठ: motivational short story in hindi

    • 2020-07-17 23:04:58
    • Puplic by : Admin
    • Written by : Unknown
    एक नाविक तीन साल से एक ही जहाज पर काम कर रहा था।एक दिन नाविक रात मेँ नशे मेँ धुत हो गया। ऐसा पहली बार हुआ था। कैप्टन नेँ इस घटना को रजिस्टर मेँ इस तरह दर्ज किया, ” नाविक आज रात नशे मेँ धुत था।”
    नाविक नेँ यह बात पढ़ ली। नाविक जानता था कि इस एक वाक्य से उसकी नौकरी पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। इसलिए वह कैप्टन के पास गया, माफी मांगी और कैप्टन से कहा कि उसनेँ जो कुछ भी लिखा है, उसमेँ आप ये जोड़ दीजिये कि ऐसा तीन साल मेँ पहली बार हूआ है, क्योँकि पुरी सच्चाई यही है।
    कैप्टन नेँ उसकी बात से साफ इंकार कर दिया और कहा,-” कि मैनेँ जो कुछ भी रजिस्टर मेँ दर्ज किया है. वही सच है।”
    कुछ  दिनों  बाद नाविक की रजिस्टर भरनेँ की बारी आयी। उसनेँ रजिस्टर मेँ लिखा-” आज की रात कैप्टन नेँ शराब नहीँ पी है।” कैप्टन नेँ इसे पढ़ा और नाविक से कहा कि इस वाक्य को आप या तो बदल देँ अथवा पूरी बात लिखनेँ के लिए आगे कुछ और लिखेँ, क्योँकि जो लिखा गया था, उससे जाहिर होता था कि कैप्टन हर रोज रात को शराब पीता था। नाविक नेँ कैप्टन से कहा कि उसनेँ जो कुछ भी रजिस्टर मेँ लिखा है, वही सच है।
    दोनोँ बातेँ सही हैँ, लेकिन दोनोँ से जो संदेश मिलता है, वह झूठ के सामान है।
    मित्रों इस काहनी से हम दो बातें सीखने को मिलती है , पहली – हमें कभी इस तरह की बात नहीं करी चाहिए जो सही होते हुए भी गलत सन्देश दे और दूसरी किसी बात को सुनकर उस पर अपना विचार बनाने या प्रतिक्रिया देने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए कि कहीं इस बात का कोई और पहलु तो नहीं है। संक्षेप में कहें तो हमे अर्धसत्य से बचना चाहिए।

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