• अब सिर्फ़ अच्छा ही होगा

    Moral story on अब सिर्फ़ अच्छा ही होगा in Hindi

    • 2020-08-26 02:52:20
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    • Written by : Unknown
    अगर आप सोचते हैं की आप की लाइफ में सब कुछ ग़लत हो रहा है तो ये कहानी पढ़े सिर्फ़ और सिर्फ़ अच्छा ही होगा|
    छोटी सी कहानी है एक राजा ने अपनी प्रजा की परीक्षा लेने के लिए सड़क के बीचो बीच बड़ा पत्थर रखा और राजा साहब साइड मे जाकर खड़े हुए और देखने लगे कों इस पत्थर कौन उठता है जनता वाहा से धीरे धीरे निकल रही थी कुछ लोग आए पत्थर देखा और साइड से निकल गये|. कुछ लोग आए राजा को गलिया देने लगे| बोलने लगे क्या राजा है हमारा सड़को मे बड़े बड़े पत्थर रखे हुए है| सड़को की क्या हालत बना के रखी हुई है|
    एक किसान वहा से निकल रहा था, उसके सर पे टोकरी थी, टोकरी को नीचे रखा और उस पत्थर के पास आया, पत्थर को उसने हटाने की कोशिश की भारी पत्थर था इसलिए हटा नही| दोबारा कोशिश की धीरे धीरे पत्थर थोडासा खिसका और उस किसान ने उस पत्थर को सड़क के साइड कर दिया| वापस आकर किसान ने जब टोकरी सर पर  उठाने की कोशिश की तो उसकी नज़र पड़ी की वाहा पर एक थैली थी जिस जगह पर पत्थर था उसने थैली को उठाया खोला और देखा तो उसमे सोने की अशरफिया थी और साथ मे एक पत्र था जिसमे लिखा था,
    मै आपकी परीक्षा लेना चाहता था और देखना चाहता था की, कोन इस मुसीबत के पत्थर को हटता है और सफलता के पास पोहचता है| आपकी की भी जिंदगी मे एक पत्थर रखा हुआ है| आप भी उस पत्थर को हटाने की कोशिश कर रहे हो तो बड़ी अच्छी बात है और आप कोशिश नही कर रहे हो तो कोशिश करना शुरू कर दीजिए, आज नही तो कल, कल नही तो परसो पत्थर ज़रूर हटेगा और वो मिलेगा आपको जो आप चाहते हो|
     
    Bonus Story - सुन्दर फूल 
     
    एक युवा लड़का एक प्रसिद्ध साधु के पास गया और बोला कि महाराज मुझे कम समय में सबसे ज्यादा सफलता हांसिल करनी है, मैं नीचे शुरू नहीं करना चाहता, मुझे कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे कि मैं सीधे मेरे लक्ष्य पर पहुंच जाऊं।
    साधु ने कहा, “ठीक है मैं तुम्हें उपाय तो बता दूंगा, लेकिन पहले मेरा एक काम कर दो। मेरे इस बाग में से एक सबसे सुंदर फूल तोड़कर ले आओ, लेकिन ध्यान रखना एक बार आगे निकल जाओ तो पीछे पलट कर फूल नहीं तोड़ना है।
    लड़का बोला , ठीक है महाराज, ये तो छोटा सा काम है ! मैं अभी एक सुन्दर सा फूल तोड़कर ले आता हूं, वह लड़का  बाग में गया तो उसे पहला ही फूल बहुत सुंदर लगा, लेकिन उसने सोचा कि आगे इससे भी अच्छे फूल होंगे। लड़का आगे बढ़ा, उसे एक से बढ़कर एक सुंदर फूल दिख रहे थे, लेकिन वह अच्छे से अच्छा फूल देखने के लिए आगे बढ़ता रहा।
    जब वह बाग के अंत में पहुंचा तो वहां मुरझाए हुए और बेजान फूल थे। ये देखकर लड़का निराश हो गया और खाली हाथ ही संत के पास पहुंच गया।
    साधु ने उससे पूछा कि तुम फूल लेकर नहीं आए, खाली हाथ क्यों आ गए। लड़के ने कहा कि महाराज में बाग में फूल तो बहुत अच्छे-अच्छे थे, लेकिन मैं सबसे सुंदर फूल की चाहत में आगे बढ़ता रहा। अंत में सभी फूल मुरझाए हुए थे, इस वजह से मैं खाली हाथ आ गया।
    साधु ने उसे समझाते हुए कहा कि हमारे जीवन में भी ऐसा ही होता है। इसीलिए प्रारंभ से काम करना शुरू कर देना चाहिए। जैसे ही कोई अवसर मिले, उसका उपयोग कर लेना चाहिए। ज्यादा अच्छे अवसर के चक्कर में हाथ आए अवसर को नहीं छोड़ना चाहिए। वरना अंत में खाली हाथ लौटना पड़ता है।

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