• उड़ना है तो गिरना सीख लो

    उड़ना है तो गिरना सीख लो: Motivational story in Hindi

    • 2020-08-13 04:03:05
    • Puplic by : Admin
    • Written by : Unknown
    दोस्तों आज मैं आपको सबसे बड़ा सफलता का गुरु मंत्र (guru mantra) बताने जा रहा हूँ। ये एक ऐसा गुरु मंत्र है जिसे अगर आपने अपनी जिंदगी में ढाल लिया तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती।
    एक चिड़िया का बच्चा जब अपने घोंसले से पहली बार बाहर निकलता है तो उसके पंखों में जान नहीं होती। वो उड़ने की कोशिश करता है लेकिन जरा सा उड़कर गिर जाता है। वह फिर से दम भरता है और फिर से उड़ने की कोशिश करता है लेकिन फिर गिरता है।
    वो उड़ता है और गिरता है। यही क्रम निरंतर चलता जाता है। एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि हजारों बार वो गिरता है लेकिन वो उड़ना नहीं छोड़ता और एक समय ऐसा भी आता है जब वो खुले आकाश में आनंद से उड़ता है।
    मेरे दोस्त जिंदगी में अगर उड़ना है तो गिरना सीख लो क्योंकि आप गिरोगे, एक बार नहीं बल्कि कई बार। आपको गिरकर फिर उठना है और फिर उड़ना है।
    याद करो वो बचपन के दिन, जब बच्चा छोटा होता है तो वो चलने की कोशिश करता है। पहली बार चलता है तो गिरता है, आप भी गिरे होंगे। एक बार नहीं, कई बार, और कई बार तो बच्चों को चोट भी लग जाती है। किसी का दांत टूट जाता है, तो किसी के घुटने में चोट लग जाती है और कई बार तो सर से खून तक निकल आता है, पट्टी बांधनी पड़ती है।
    लेकिन वो बच्चा चलना नहीं छोड़ता। सर पे पट्टी बंधी है, चोट लगी है, दर्द भी हुआ है लेकिन माँ की नजर बचते ही वो फिर से चलने की कोशिश करता है। उसे गिरने का डर नहीं है और ना ही किसी चोट का डर है, उसको चलना सीखना है और वो तब तक नहीं मानता जब तक चल ना ले।
    सोचो उस बच्चे में कितनी हिम्मत है, उसके मन में एक लक्ष्य है – “चलना सीखना”। और वो चलना सीख भी जाता है क्योंकि वो कभी गिरने से डरता ही नहीं है।
    लेकिन जब यही बच्चा बड़ा हो जाता है, उसके अदंर समझ आ जाती है तो वो डरने लगता है। इंसान जब भी कोई नया काम करने की कोशिश करता है उसके मन में गिरने का डर होता है।
    => स्टूडेंट डरता है कि पहला इंटरव्यू है, नौकरी लगेगी या नहीं लगेगी….
    => बिजनेसमैन डरता है कि नया बिजनिस कर तो लिया लेकिन चलेगा या नहीं चलेगा….
    => क्रिकेटर सोचता है कि मेरा पहला मैच है रन बना पाउँगा या नहीं बना पाउँगा…
    अरे नादान मानव, तुमसे ज्यादा साहसी तो वो बच्चा है जो हजार बार गिरकर भी गिरने से नहीं डरता। सर से खून भी आ जाये तो भी नन्हें कदम फिर से चलने की कोशिश करते हैं। और एक तुम तो हो, थोड़े समझदार क्या हुए, तुम तो नासमझ हो गए।
    दुनिया में कोई भी इंसान इतनी आसानी से सफल नहीं होता, ठोकरें खानी पड़ती हैं। अब ठोकरों से डरोगे तो कभी सफल नहीं हो पाओगे। राह में चाहे जितनी ठोकरें आयें आप अपने लक्ष्य को मत छोड़ो। ये ठोकरें तो आपकी परीक्षा लेती हैं, आपके कदम को मजबूत बनाती हैं ताकि जिंदगी में फिर कभी ठोकर ना खानी पड़े।

     


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