• बाड़े की कील

    बाड़े की कील: Story that will change the way of thinking

    • 2021-04-06 00:29:37
    • Puplic by : Admin
    • Written by : Unknown
    बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था. वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर अपना आप खो बैठता और लोगों को भला-बुरा कह देता. उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि , ” अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और बाड़े में ठोक देना.” पहले दिन उस लड़के को चालीस बार गुस्सा किया और इतनी ही कीलें बाड़े में ठोंक दी.पर  धीरे-धीरे कीलों  की संख्या घटने लगी,उसे लगने लगा की कीलें ठोंकने में इतनी मेहनत करने से अच्छा है कि अपने क्रोध पर काबू किया जाए और अगले कुछ हफ्तों में उसने अपने गुस्से पर बहुत हद्द तक  काबू करना सीख लिया. और फिर एक दिन ऐसा आया कि उस लड़के ने पूरे दिन में एक बार भी अपना temper नहीं loose किया. जब उसने अपने पिता को ये बात बताई तो उन्होंने ने फिर उसे एक काम दे दिया, उन्होंने कहा कि ,” अब हर उस दिन जिस दिन तुम एक बार भी गुस्सा ना करो इस बाड़े से एक कील निकाल निकाल देना.”
    लड़के ने ऐसा ही किया, और बहुत समय बाद वो दिन भी आ गया जब लड़के ने बाड़े में लगी आखिरी कील भी निकाल दी, और अपने पिता को ख़ुशी से ये बात बतायी. तब पिताजी उसका हाथ पकड़कर उस बाड़े के पास ले गए, और बोले, ” बेटे तुमने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन क्या तुम बाड़े में हुए छेदों को देख पा रहे हो. अब वो बाड़ा कभी भी वैसा नहीं बन सकता जैसा वो पहले था.जब तुम क्रोध में कुछ कहते हो तो वो शब्द भी इसी तरह सामने वाले व्यक्ति पर गहरे घाव छोड़ जाते हैं.” इसलिए अगली बार अपना temper loose करने से पहले सोचिये कि क्या आप भी उस बाड़े में और कीलें ठोकना चाहते हैं !

    Bonus Story - डायमंड और लड़के का चाचा



    एक शहर में एक जौहरी रहता था, किसी कारण बस एक दिन उसका निधन हो गया और उसके बीवी बच्चे सड़क पर आ गए | हालत इतनी ख़राब हो गयी कि भूख मिटाने के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ रहा था | जौहरी के बीवी के पास एक हीरा था जिसको उसने अपने लड़के को दिया और कहा कि इसे लेकर अपने चाचा के पास जाओ और उनसे कहना कि अच्छे दाम देखकर इसे बिकवा दे| लड़का वो हीरा लेकर अपने चाचा के पास गया और उन्हें सारी बात बिस्तार से बताते हुए वो हीरा बिकवाने के लिए कहा, उसके चाचा ने हीरा देखा और कहा कि बेटा ये हीरा लेकर तुम अभी घर जाओ और अपनी माँ से कहना कि हीरो का भाव अभी मन्दा चल रहा है, जब मार्केट में भाव बढ़ेगा तब मैं बिकवा दूँगा। साथ मे उसके चाचा ने उस लड़के को कुछ पैसे दिए और कहा कि कल से तुम दुकान पर आ जाया करना | लड़का घर चला गया और दूसरे दिन से वो अपने चाचा के दूकान पर जाकर बैठने लगा और धीरे-धीरे काम सीखने लगा | काम सीखते-सीखते वो एक दिन इतना बड़ा जौहरी बन गया की दूर-दूर से लोग हीरो की पहचान करवाने के लिए उसके पास आने लगे | एक  दिन उसके चाचा ने कहा की बेटा हीरो का दाम अभी मार्केट में अभी बढ़ गया है, तो कल जब तुम आओ तो घर से वो हीरा लेते आना | अब क्योंकि वो  खुद बहुत बड़ा जौहरी बन गया था तो पहले उसने खुद हीरे को चेक किया और उसे पता चला की वो हीरा नकली था |  
    वो अपने चाचा के पास गया और ये बात जब उन्हें बताई तो उन्होंने कहा की मुझे तो उसी दिन पता चल गया था लेकिन अगर मैं तुम्हे सच बताता तो तुम कहते कि दुःख के समय पर चाचा भी साथ न देकर मेरे हीरो को नकली बता रहे हैं | हमेशा हमें सीखते रहना चाहिए, अगर हमारे अंदर सीखने की चाह हो तो हम कुछ भी बन सकते हैं अब चाहे बात जौहरी की हो, डॉक्टर की या फिर इंजीनियर की | 
    दूसरी बात ये कि कभी-कभी क्या होता है कि हमें चीजों का अच्छी तरह ज्ञान नहीं होता, या हमें कोई बात पता नहीं होती और हम दुसरो पर इल्जाम लगा देते है जो किसी के साथ हमारे रिश्ते में दरार डालने का पहला कारण होता है | इसीलिए बात को पहले पूरी तरह समझे और फिर कोई फैसला ले जिससे आपके रिश्तों में दरार न आये | 


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