• Bird and Old Tree

    Bird and Old Tree : Motivational story in hindi

    • 2021-04-07 01:15:25
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    • Written by : Unknown
    एक बार की बात है। एक चिड़िया थी, उसके बच्चे होने वाले थे, लेकिन उसको किसी आशियाने की जरूरत थी, तो वो ढूंढते हुए जंगल मे पहुंची। वहाँ उसको दो पेड़ दिखे और पेड़ नदी के किनारे पर थे। उसने पहले पेड़ से पूछा कि, "क्या मैं आपके पेड़ पर अपना घर बना सकती हूं ? "पहले पेड़ ने मना कर दिया ! अब वो दूसरे पेड़ के पास पहुंची उसने यही सवाल किया तो इस वाले पेड़ ने इसको इजाजत दे दी कि तुम यहाँ अपना घर बना सकती हो, लेकिन कुछ दिनों बाद एक घटना घटी। वो यह थी कि अचानक बाढ़ आ गयी और जिस पेड़ ने उसे मना किया था वो उखड़कर बह गया। ये देखकर अन्य पेड़ पर बैठी चिड़िया बोली कि जो दूसरों की मदद नही करते उनके साथ ऐसा ही होता है। कभी कभी भिखारी भी मदद कर  देते है बहते हुए पेड़ ने बहुत ही शालीनता के साथ जवाब दिया की ऐसा बिल्कुल नही है। मेरी जड़े कमजोर थी इसलिए मैंने आपको मना किया क्योंकि मैं नही चाहता था,कि आपका और आपके नन्हे बच्चो का भविष्य मेरी वजह से बह जाए और ये सुनकेर उस चिड़िया की आंखे फ़टी की फटी रह गयी कि मैं कितनी गलत थी।
     

    Bonus Story - Change Your Point Of View Look At The New World

    एक बार की बात है , एक नौविवाहित जोड़ा किसी किराए के घर में रहने पहुंचा . अगली सुबह , जब वे नाश्ता कर रहे थे ,Pragya Institute of Personality Development Presents Motivational, Moral & Inspirational Stories for You – That Can Change Your Life (Pioneer of Comprehensive Personality Development Institute in Jaipur) (Best Personality Development Classes in Jaipur)तभी पत्नी ने खिड़की से देखा कि सामने वाली छत पर कुछ कपड़े फैले हैं , – “ लगता है इन लोगों को कपड़े साफ़ करना भी नहीं आता …ज़रा देखो तो कितने मैले लग रहे हैं ? “पति ने उसकी बात सुनी पर अधिक ध्यान नहीं दिया .एक -दो दिन बाद फिर उसी जगह कुछ कपड़े फैले थे . पत्नी ने उन्हें देखते ही अपनी बात दोहरा दी ….” कब सीखेंगे ये लोग की कपड़े कैसे साफ़ करते हैं …!!”पति सुनता रहा पर इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा .पर अब तो ये आये दिन की बात हो गयी , जब भी पत्नी कपडे फैले देखती भला -बुरा कहना शुरू हो जाती .लगभग एक महीने बाद वे यूँहीं बैठ कर नाश्ता कर रहे थे . पत्नी ने हमेशा की तरह नजरें उठायीं और सामने वाली छत
    की तरफ देखा , ” अरे वाह , लगता है इन्हें अकल आ ही गयी …आज तो कपडे बिलकुल साफ़ दिख रहे हैं , ज़रूर किसी ने टोका होगा !”पति बोल , ” नहीं उन्हें किसी ने नहीं टोका .”” तुम्हे कैसे पता?” पत्नी ने आश्चर्य से पूछा.” आज मैं सुबह जल्दी उठ गया था और मैंने इस खिड़की पर लगे कांच को बाहर से साफ़ कर दिया, इसलिए तुम्हे कपडे साफ़ नज़र आ रहे हैं. “, पति ने बात पूरी की.ज़िन्दगी में भी यही बात लागू  होती है : बहुत बार हम दूसरों को कैसे देखते हैं ये इस पर निर्भर करता है की हम खुद अन्दर से कितने साफ़ हैं . किसी के बारे में भला-बुरा कहने से पहले अपनी मनोस्थिति देख लेनी चाहिए और खुद से पूछना चाहिए की क्या हम सामने वाले में कुछ बेहतर देखने के लिए तैयार हैं या अभी भी हमारी खिड़की गन्दी है !Pragya Institute Of Personality Development - Best Personality Development Classes in Jaipur - Friendly Environment, 14+ Years Experienced Faculty, Awarded Trainer, Excellent Course Content, Best Motivational Speaker – Saurabh Jain, Completely Activity Based Workshop. A move Toward Positive Change. For more details click on:


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