•  कालिदास का अहंकार

    कालिदास का अहंकार: motivational story in hindi

    • 2021-04-07 04:00:08
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    • Written by : Unknown
    एक बार यात्रा में कालिदास को बहुत प्यास लगी।तब उन्होंने रास्ते में कुआँ पर खड़ी एक महिला से कहा कि वो उन्हें पानी पिला दें। कालिदास बोले  ” माते पानी पिला दीजिए। बङा पुण्य होगा”। स्त्री बोली  ” बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं। अपना परिचय दो। मैं अवश्य पानी पिला दूंगी”। कालिदास ने कहा  ” मैं मेहमान हूँ , कृपया पानी पिला दें”। स्त्री बोली  “तुम मेहमान कैसे हो सकते हो ? संसार में दो ही मेहमान हैं।पहला धन और दूसरा यौवन। इन्हें जाने में समय नहीं लगता”। सत्य बताओ कौन हो तुम ? (अब तक के सारे तर्क से पराजित और हताश तो हो ही चुके थे कालिदास) कालिदास बोले ” मैं सहनशील हूं। अब आप पानी पिला दें “। स्त्री ने कहा ” नहीं, सहनशील तो दो ही हैं।पहली धरती जो पापी-पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है। उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज के भंडार देती है। दूसरे पेड़ जिनको पत्थर मारो फिर भी मीठे फल देते हैं “। तुम सहनशील नहीं। सच बताओ तुम कौन हो ? कालिदास लगभग मूर्च्छा की स्थिति में आ गए और तर्क-वितर्क से झल्लाकर बोले “मैं हठी हूँ”। स्त्री बोली “फिर असत्य।हठी तो दो ही हैं।पहला नख और दूसरे केश।कितना भी काटो बार-बार निकल आते हैं “। सत्य कहें ब्राह्मण कौन हैं आप ? (पूरी तरह अपमानित और पराजित हो चुके थे कालिदास) कालिदास ने कहा  ” फिर तो मैं मूर्ख ही हूँ ” । स्त्री ने कहा  “नहीं तुम मूर्ख कैसे हो सकते हो।मूर्ख दो ही हैं।पहला राजा जो बिना योग्यता के भी सब पर शासन करता है।और दूसरा दरबारी पंडित जो राजा को प्रसन्न करने के लिए ग़लत बात पर भी तर्क देता है।और उसको सही सिद्ध करने की चेष्टा करता है “। कुछ बोल न सकने की स्थिति में कालिदास वृद्धा के पैर पर गिर पड़े।और पानी की याचना में गिड़गिड़ाने लगे। वृद्धा ने कहा  ” उठो वत्स !!! आवाज़ सुनकर कालिदास ने ऊपर देखा तो साक्षात माता सरस्वती वहां खड़ी थी।कालिदास पुनः नतमस्तक हो गए। माता ने कहा “शिक्षा से ज्ञान आता है न कि अहंकार। तूने शिक्षा के बल पर प्राप्त मान और प्रतिष्ठा को ही अपनी उपलब्धि मान लिया।और अहंकार कर बैठे।इसलिए मुझे तुम्हारे चक्षु खोलने के लिए ये स्वांग करना पड़ा “। कालिदास को अपनी गलती समझ में आ गई और पानी पीकर वे आगे चल पड़े। अपनी विद्वत्ता पर कभी घमण्ड न करें , यही घमण्ड विद्वत्ता को नष्ट कर देता है।
     

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