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करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान- moral story
- 2021-04-07 03:58:12
- Puplic by : Admin
- Written by : Unknown
एक बाज का जोड़ा अपने दो छोटे बच्चों के साथ एक घने जंगल में एक ऊँचे पेड़ में घोंसला बना कर रहता था।चूंकि बच्चे छोटे थे।इसीलिए नर बाज अपने दो बच्चों को रोज अपनी पीठ में बिठा कर सुरक्षित स्थान पर ले जाता था।ताकि दोनों बच्चे सुरक्षित होकर दिनभर दाना चुक सके।और शाम होते ही उन्हें फिर से अपनी पीठ पर बिठाकर घर ले आता। बच्चे रोज मजे से पिता की पीठ पर बैठ कर जाते और शाम को घर वापस आ जाते।और यह सिलसिला लगातार चलता रहा।इससे दोनों बच्चे आलसी हो गये। बच्चों ने सोचा कि जब पिता पीठ पर बिठा कर ले जाते हैं।तो हमें उड़ना सीखने की क्या जरूरत है”? लेकिन धीरे-धीरे पिता की समझ में यह बात आ गई कि उसके बच्चे आलसी हो गए हैं।और उसने उन्हें सबक सिखाने की सोची।एक दिन सुबह-सुबह रोज की तरह ही उसने अपने दोनों बच्चों को अपनी पीठ में बिठाया।और बादलों से ऊपर बहुत ऊंचाई में उड़ान भरनी शुरू की। काफी ऊंचाई पर पहुंच कर उसने दोनों बच्चों को अपनी पीठ से नीचे गिरा दिया।अब बच्चों ने अपने प्राण बचाने के लिए पंख फड़फड़ाने शुरू कर दिये।किसी तरह दोनों बच्चों ने पंख फैलाकर उड़ते उड़ते अपने प्राण बचा लिए। उस दिन उन्हें समझ में आ गया कि उड़ना सीखना बहुत जरूरी है।शाम को घर पहुंच कर दोनों बच्चों ने अपनी मां से शिकायत की।उन्होंने अपनी माँ से कहा “मां आज हमने अपने पंख न फड़फड़ाए होते तो पिताजी ने तो हमें मरवा ही दिया था”। माँ ने अपने बच्चों को समझाते हुए कहा “जो बच्चे अपने आप नहीं सीखते हैं।उन्हें सिखाने का बस एक यही तरीका है।हमारी पहचान तो ऊंची उड़ान से ही होती है।और यही हमारी योग्यता भी है।और हमें अपना जीवन जीने के लिये योग्य होना जरूरी हैं।और योग्यता हासिल करने के लिए तुम्हें लगातार अभ्यास करते रहने की जरूरत है”। अब बच्चों को अपनी मां की बात समझ में आ गई। अब वो रोज लगातार ऊंची- ऊंची उड़ान भर कर अभ्यास करते थे। जिससे कुछ ही दिनों में दोनों बच्चे अपने माता-पिता की तरह ऊंचाई में उड़ान भरना सीख गए। किसी भी कार्य का लगातार अभ्यास करने से हम उस कार्य में प्रवीण हो सकते है। चाहे वह कार्य कितना भी कठिन क्यों न हो। इसीलिए कहा गया है कि “करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान।” अर्थात किसी भी कार्य का बार बार अभ्यास करने से मूर्ख से भी मूर्ख प्राणी भी विद्वान् बन सकता हैं।
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5 Comments
Pari jain 2023-08-31 02:55:28
What is meaning of sujan
Pari jain 2023-08-31 02:55:28
What is meaning of sujan
hbbhjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjjj 2024-01-23 03:44:54
nothing understood
HBBHJJJJJJJJJJJJJJJJJJJJJJJ 2024-01-23 03:52:46
Truly noting understand make new fantastic moral story
Utkarsh Sharma 2024-03-31 08:34:34
Nice story for young generation. Thank you Sir