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निराशा से सफलता तक ले जाने वाली कहानी; Motivational Story
- 2021-04-01 23:28:33
- Puplic by : Admin
- Written by : Unknown
एक कंपनी (company) में कई सारे कर्मचारी (Employee) काम करते थे, और उस कंपनी के सारे कर्मचारी बड़े निराश और दुखी जैसे दिखते थे | जैसे लगता था कि उनके अंदर आत्मविश्वास और ऊर्जा खत्म सी हो गई है, तभी कंपनी के मालिक (owner) ने काम के प्रति इच्छा और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए एक नया आईडिया (idea) सोचा |जैसे ही सुबह सभी कर्मचारी कंपनी के अंदर जाने लगे तभी उन्होंने देखा की कंपनी के मेन गेट पर एक नोटिस (Notice) लगा हुआ था और उसमें लिखा था की – “ जो व्यक्ति कल तक आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था, आज उसकी मौत हो गई है और आप अंदर जाकर उस व्यक्ति से अंतिम बार मिल सकते हैं” सभी कर्मचारी नोटिस पढ़कर बहुत खुश होने लगे और सोचने लगे की चलो जो व्यक्ति हमारा विकास को रोक रहा था, आगे बढ़ने से रोक रहा था, वह मर चुका है | लेकिन एक बात का दुख भी था कि अब अपने साथ का एक कर्मचारी अब नहीं रहा |अब सबके मन में एक ही सवाल आ रहा था कि वह व्यक्ति आखिर है कौन ?… जो हमें आगे बढ़ने से रोक रहा था और आज उसकी मृत्यु हो गई |यही सोचते हुए सभी कर्मचारी एक एक कर कर अंदर गए, और जैसे ही अंदर पहुंचे.. तो अंदर का नजारा देख सभी कर्मचारी अचंभित रह गए, मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पाया | क्योंकि अंदर कुछ था ही नहीं, वहां सिर्फ एक शीशा लगा हुआ था जिसकी नीचे एक छोटा सा नोट लिखा हुआ था – केवल आप ही वह इंसान है जिसने अपनी क्षमता का दायरा छोटा बना रखा है, आप खुद ही अपने सुख, दुख, सफलता और असफलता के जिम्मेदार है | यदि आप सोचते हैं की कंपनी बदलने, अपने बॉस बदलने, या दोस्तों को बदलने से आपकी जिंदगी बदल जाएगी, तो यह सोचना गलत है | यदि आपको अपनी जिंदगी बदलनी है तो खुद को बदलना होगा, अपनी क्षमता को पहचानना होगा, आपने जो अपने मन में जो छोटे दायरे बना लिए है उस दायरे से बाहर निकलना होगा | फिर देखिए एक दिन पूरी दुनिया आपको सलाम करेगी, फिर आप खुद महसूस कर सकते हो कि जिंदगी बदल गई| इस बात को आपको मैं एक Example से समझाता हूं – जब एक अंडा बाहर से फूटता है तो एक जिंदगी का अंत होता है.. लेकिन जब वहीं अंडा अंदर से फूटता है तो एक नई जिंदगी का जन्म होता है | इसलिए दोस्तों अपने अंदर की शक्तियों को जगाओ, क्योंकि आप क्षमतावान हो | आप के अंदर भी वो शक्ति और ताकत है | यदि आप असफल हो तो इसके जिम्मेदार भी खुद ही हो | खुद को कोसना और दूसरे को दोष देना बंद करो और पूरी मेहनत से जुट जाओ, ऐसा लगे जैसे एक नया जन्म मिला हो| और लास्ट में यही कहना चाहता हूं –असफलता एक चुनौती है – स्वीकार करो,क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो |
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