• Interesting story for over thinking people

    Story on Overthinking best motivational story in hindi

    • 2021-04-05 00:08:33
    • Puplic by : Admin
    • Written by : Unknown
    एक गांव में एक आदमी रहता था,जो ताले तोड़ने के मामले में एक्सपर्ट था,यानी कि जहां कहीं भी ताले तोड़ने की बात आती थी या लॉक को खोलने की बात आती थी,तो उसका नाम सबसे पहले लिया जाता था । 1 दिन कुछ समझदार लोगों ने उसकी परीक्षा लेनी चाही और उसको बता दिया गया कि आपको इस जगह पर इस तारीख को आना है और ताले को तोड़ना है । जब वह समय के अनुसार तय दिनांक को वहां पहुंच गया तो उसको प्रतियोगिता के नियम समझा दिए गए। आपको एक बॉक्स में बिठा दिया जाएगा और उस बॉक्स को पानी में उतार दिया जाएगा आपको ताला खोल कर बाहर आना होगा इस बीच आपको लगता है कि lockआपसे नहीं खुल पाएगा तो,आप इमरजेंसी बटन को दबा सकते हैं और ऊपर आ सकते हैं, लेकिन आप प्रतियोगिता में हार जाएंगे,उसने सभी नियमों की हां कर दी और पानी में चला गया, जैसे ही वह पानी में पहुंचा तो उसने जेब में से एक तार निकाला और lock को खोलने की कोशिश करने लगा। 4 से 5 बार कोशिश करने के बाद वह बार बार विफल हो रहा था । लेकिन उससे लॉक नहीं खुल रहा था अब ज्यादा समय तक पानी में रहना उसके लिए और भी मुश्किल था क्योंकि सांस रोकना आसान नहीं था। फाइनली उसने अपना पूरा दिमाग लगाया और एक बार अंतिम प्रयास किया। वह विफल हुआ और उसने इमरजेंसी बटन दबा दिया धीरे-धीरे ऊपर आने लगा, पानी के ऊपर आये बॉक्स को बाहर निकाला गया और हल्का सा धक्का देकर खोला गया,वह अचंभित हो गया कि एक बार भी मेरे दिमाग में यह ख्याल क्यों नहीं आया कि मैं इसको धक्का देकर खोलूँ , हो  सकता है कि ये लॉक ही ना हो । तो यही होता है,जब हम भी बहुत ज्यादा सोचते हैं,तो इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है । कभी कभी ना सोचने से भी जवाब मिल जाता है। इसलिए किसी ने कहा है कि, "जो कुछ नहीं करते वह कमाल करते हैं' | कभी कभी दिमाग को जब हम शांत रखते हैं और ठंडे दिमाग से सोचने की कोशिश करते हैं तो हमें बेहतर समाधान मिल जाता है ।

    Bonus Story - हार गया लेकिन खुद से जीत गया 

    हरीश नाम का एक लड़का था उसको दौड़ने का बहुत शौक था | वह कई मैराथन में हिस्सा ले चुका था | परंतु वह किसी भी race को पूरा नही करता था| एक दिन उसने ठान लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वह race पूरी जरूर करेगा| अब रेस शुरू हुई|  हरीश ने भी दौड़ना शुरू किया धीरे-धीरे सारे धावक आगे निकल रहे थे मगर अब हरीश थक गया था वह रुक गया फिर उसने खुद से बोला अगर मैं दौड़ नही सकता तो कम से कम चल तो सकता हु | उसने ऐसा ही किया वह धीरे धीरे चलने लगा मगर वह आगे जरूर बढ़ रहा था अब वह बहुत ज्यादा थक  गया था और नीचे गिर पड़ा |
    उसने खुद को बोला की वह कैसे भी करके आज दौड़ को पूरी जरूर करेगा वह जिद करके वापस उठा लड़खड़ाते हुए आगे बढ़ने लगा और अंततः वह रेस पूरी कर गया माना कि वह रेस हार चुका था
    लेकिन आज उसका विश्वास चरम पर था क्योंकि आज से पहले race को कभी पूरा ही नही कर पाया था| वह जमीन पर पड़ा हुआ था क्योंकि उसके पैरों की मांसपेशियों में बहुत खिंचाव हो चुका था
    लेकिन आज वह बहुत खुश था क्योंकि आज वह हार कर भी जीता था | हम भी तो इस तरह की गलती करते है हमारी life में कभी भी अगर कोई परेशानी होती है तो उस काम को नही करते और छोड़ देते है
    अगर आप एक student हो और रोज 10 hr की study करते हो और किसी दिन कोई परेशानी की वजह से आप पढ़ाई नही करते मगर आपको भले ही 5 hr मिले पढ़ना जरूर चाहिए
    हरीश की कहानी से हमे यही सीखने को मिलता है कि अगर हम लगातार आगे बढ़ते रहे तो एक दिन हम हारकर भी जीत जाएंगे |
    छोटे छोटे कदम बढ़ाते जाओ और आगे बढ़ते जाओ | यही सफलता का नियम है |


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