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राजा और भाग्य : short motivational story in hindi
- 2021-04-07 00:26:24
- Puplic by : Admin
- Written by : Unknown
एक बार एक राजा के मन में आया और राजा ने भरी सभा में जहां पर बड़े-बड़े विद्वान बैठे हुए थे उन सभी से एक ही प्रश्न किया कि आप मुझे बताइए कि एक ही समय पर पैदा होने वाले बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है ? उन्होंने बताया कि जिस वक्त मैं पैदा हुआ उस वक्त अनेकों बच्चे पैदा हुए थे तो मेरे ही भाग्य में राजा बनना क्यों लिखा हुआ था एक विद्वान बीच में से खड़े हुए और उन्होंने कहा कि इस बात का जवाब आपको यहां से कोसों दूर पहाड़ी पर एक साधु रहता है और वह आपको बता सकते हैं वह महात्मा तपस्या करते हैं वह बता सकते हैं | अब राजा की मन में उत्सुकता थी सब कुछ जानने के बारे में और राजा वहाँ वहां चले गए और उन्होंने देखा कि वह महात्मा आग में से अंगार को पकड़ कर खा रहे हैं तो उन्होंने सवाल किया कि महात्मा जी मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि एक ही वक्त पर पैदा हुए बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है तो उन्होंने उस पर गुस्सा किया और बोले चले जाओ यहां से जो पास में झरना बह रहा है वहां पर तुम्हें एक महात्मा मिलेंगे उनसे तुम यह सवाल पूछ लेना अब वह राजा उन महात्मा के पास चला गया तो वह महात्मा जो थे वह अपना ही मांस नोच के खा रहे थे यानी कि अपना ही मांस निकाल कर खा रहे थे राजा से ऐसे देखा नहीं गया फिर भी राजा ने अपने आप को रोकते हुए यह सवाल पूछ डाला तो वह महात्मा बहुत गुस्सा हुए की इस तरीके का सवाल दोबारा मत पूछना चले जाओ यहां से बगल के गांव में एक बच्चा है चार पांच साल का और वह मरने वाला है तो तुम्हें बता सकता है राजा के मन में उत्सुकता थी जानने की, क्योंकि सवाल बहुत जबरदस्त था तो राजा उस बच्चे के पास चला गया और उस बच्चे के माता-पिता सभी वहां बैठे हुए थे तो उस बच्चे से भी राजा ने यही सवाल किया कि तुम मुझे बता सकते हो कि एक ही वक्त पर पैदा हुए बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है तो बच्चा मुस्कुराया और बच्चे ने बोला कि मैं आपको बताता हूं कि पिछले जन्म में हम तीनों आपके भाई रहे हैं जो महात्मा अंगार निकाल कर खा रहे थे जो आपको दिखा अपना ही मास खा रहे थे और मैं हम चारों पिछले जन्म में भाई थे और जंगल में एक बार हम हमने रोटियां बनाई थी जब हम रोटियां खाने वाले थे तभी एक साधु आए थे और उन्होंने कुछ मांगा था कि कि उन्हें भी भूख लगी हुई थी सब के पास एक एक रोटी थी तो सबसे पहले उन्होंने अंगार वाले साधु से रोटी मांगी तो साधु ने मना कर दिया कि अगर मैं तुम्हें रोटी दूंगा तो क्या मैं अंगार खाऊंगा दूसरा उन्होंने मांसवाले साधु से कहा कि मुझे रोटी चाहिए बाबा तो उन्होंने कहा कि अगर मैं तुम्हें रोटी दूंगा तो मैं क्या मांस खाऊंगा और मैंने भी मना कर दिया कि मैं तुम्हें रोटी नहीं दे सकता और चौथे तुम थे कि तुम्हारे पास एक रोटी थी और तुमने आधी रोटी उन महात्मा को दी और उन्होंने अपना पेट भरा बाकी को श्राप मिला और तुम्हे आशीर्वाद मिला मर्म की बात यह थी आप के आज के जो अच्छे कर्म है उसका नतीजा आपको जरूर आगे के जन्मों में मिल सकता है आज आप क्या करते हैं तो दोस्तों यही एक कारण था वह राजा था उसका जो प्रश्न था उसका जवाब मिल चुका था कि एक ही वक्त पर पैदा हुए बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है दोस्तों कुल मिलाकर बात यही है कि आपका कर्म यह बताता है कि आप कितना आगे जाएंगे आपको अगले जन्म में क्या मिलने वाला है इसलिए अच्छे अच्छे कर्म करिए
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