• सुधा चन्द्रन : दृढ़ संकल्प-शक्ति की मिसाल

    सुधा चन्द्रन : दृढ़ संकल्प-शक्ति की मिसाल: moral story

    • 2021-04-07 00:08:26
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    दुर्घटना में एक पैर गैवाने के बाद, कोई महिला जीवन में ‘नृत्य करने के सम्बन्ध में सोचने की कल्पना भी नहीं कर सकती, लेकिन सुधा चन्द्रन ने अपने अदम्य आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प-शक्ति के बल पर, अकल्पनीय को भी हकीकत में बदल डाला। दुर्घटना में अपना एक पैर गैवाने के बाद सुधा चन्द्रन ने ‘जयपुर फुट’ लगाकर अपनी डांस प्रैक्टिस शुरू की और फिल्म ‘नाचे मयूरी’ में उनका शानदार डांस देखकर लोग अचम्भित रह गए, लोगों ने दाँतों तले अँगुली दबा ली। आज सुधा चन्द्रन की गणना, बहुत शानदार एवं सफल नर्तकी, टीवी एवं फिल्म एक्ट्रेस के तौर पर की जाती है। सुधा चन्द्रन का कहना है कि जब हेलेन कीलर अपंगता से बाहर आ सकती है, तो मैं क्यों नहीं? उनका मानना है कि सफलता व्यक्ति की सोच में होती है। हम जो चाहे, वह प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए चाहिए दृढ़ आत्मविश्वास।

    Story Bonus - Vidhvan Sadhu Ka Compound Interest

    काफी समय पहले की बात है एक राज्य में एक राजा हुआ करते थे | राजा बहुत दान दिया करते थे कभी उन्होंने किसी को निराश नहीं किया
     1 दिन राजा के राज्य में एक विद्वान पंडित आये  और  उन्होंने राजा से कुछ मांगा राजा ने सिपाहियों को आदेश दिया  यह साधु जो मांगता है इसे दे दो  साधु ने कुछ अनाज के दाने मांगे थे | अब सारे  सिपाही साधु को लेकर खाद्य विभाग की तरफ लेकर चले गए परन्तु थोड़ी ही देर बाद सारे सिपाही दौड़ते दौड़ते राजा के पास आए और कहने लगे त्राहिमाम त्राहिमाम महामहिम अनर्थ हो गया है राजा ने भी आश्चर्यचकित
     होकर उनसे पूछा कि ऐसा क्या हुआ है उसने तो अनाज के कुछ दाने मांगे थे सिपाईयों  ने कहा नहीं महामहिम यह  साधु बहुत बुद्धिमान है यह कहता है कि अनाज का एक दाना रखो और अगली बार डबल करते जाओ और जितने डिब्बे शतरंज के खेल मे  होते है उतने करते जाओ राजा सहित सभी के वहा  पर तोते उड़ गए क्योंकि उसने इतना अनाज  मांग लिया जितना अनाज  तो पृथ्वी पर है ही नहीं साधु ने कितना अनाज मांगा था? सारी माउंट एवरेस्ट की चोटियों को ले लिया जाए लेकिन जितना अनाज साधु ने  मांगा था माउंट एवरेस्ट की चोटी चोटियां उस अनाज की तुलना में एक चौथाई भी नहीं है |  यहां पर एक बात निकल के आती है कि कंपाउंड इंटरेस्ट या चक्रवृद्धि ब्याज की  की ताकत क्या है अल्बर्ट आइंस्टीन ने इसी वजह से कंपाउंड इंटरेस्ट को दुनिया का आठवां अजूबा बोला है|  मैं आपको इसके माध्यम से कंपाउंड इंटरेस्ट की ताकत को ही समझाना चाहता था | अगर हम 1 परसेंट भी दिन में सुधार करते हैं अगर उसको लगातार एक महीने 3 महीने 6 महीने या साल भर तक भी करते हैं कंपाउंड इंटरेस्ट की ताकत के साथ साथ वह ग्रोथ हमें देखने को मिलती है नतीजा पाने  के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ता है कि किसी भी आदत को बनाने में 66  दिन का समय लगता है अगर आप किसी काम को 3 महीने मन लगाकर करेंगे और बाकी के 9 महीने आप उस काम को अपनी आदत के अनुरूप करेंगे तो 1 साल के बाद आपको चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिलेंगे लेकिन बात  जितनी आसान लगती है करने में उतना ही मुश्किल है परन्तु  जब हम मेहनत करेंगे तभी हमें परिणाम  मिलेगा |


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